robbery of bike riders | तीन बदमाशों ने बाइक पर पीछा किया, अंधेरा देख रुपयों भरा बैग छीनने लगे, असफल रहे

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बांसवाड़ा4 घंटे पहले

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वारदात के बाद घटना स्थल पर जमा हुई लोगों की भीड़ और माैजूद पुलिस। - Dainik Bhaskar

वारदात के बाद घटना स्थल पर जमा हुई लोगों की भीड़ और माैजूद पुलिस।

चांदी के व्यापार से जुड़े दो भाइयों से नगदी लूटने के लिए गुरुवार रात को बदमाशों ने सरियों से वार किया। पहले तो एक बाइक पर तीन बदमाशों ने दुपहिया सवार व्यापारियों ( दो भाइयों) का पीछा किया। बाद में सड़क के अंधेरे मोड़ पर पीछे से सरिए से वार किए। जबरदस्ती बैग छीनने की कोशिश की। तभी पीछे दूसरे वाहन को आता देख बदमाश वहां से भाग निकले।

बता दें कि दोनों भाई चांदी के धंधे के अलावा चांदी गिरवी रखने का काम भी करते हैं, जिनके पास अन्य दिनों की अपेक्षा चांदी और नगदी ज्यादा थी। घटना के बाद खांदू कॉलोनी के जैन परिवारों ने वारदात को लेकर पुलिस के समक्ष नाराजगी जताई। मामला पुलिस लाइन और सेल टैक्स डिपार्टमेंट के बीच खांदू कॉलोनी मोड़ का है।

सरिए के वार से घायल हुआ अनुभव डांगरा।

सरिए के वार से घायल हुआ अनुभव डांगरा।

खांदू कॉलोनी निवासी जयेश डांगरा और अनुभव डांगरा ने बताया कि वह चांदी का व्यवसाय करते हैं। रात करीब पौने 8 बजे खांदू हवेली (पीपली चौक) की दुकान बंद कर वह खांदू कॉलोनी स्थित घर को लौट रहे थे। तभी ठीक 8 बजे वह खांदू कॉलोनी मोड़ पर पहुंचे, जहां रोडलाइट के अभाव में अंधेरा था। पीछे से आए तीन बदमाशों ने दुपहिया पर पीछे बैठे अनुभव को चलती गाड़ी में सरिया मारा। बाद में दूसरा वार गाड़ी चला रहे जयेश के हाथ पर किया। बदमाशों ने अनुभव से बैग छीनने की कोशिश की, लेकिन उसने नहीं छोड़ा। धक्का-मुक्की के बीच पीछे से एक ओर बाइक सवार वहां आ गया। ये देख बदमाश मौके से भाग गए।

जयेश डांगरा।

जयेश डांगरा।

सूचना पर खांदू कॉलोनी और राजतालाब चौकी पुलिस मौके पर पहुंची। वहां इकट्‌ठी भीड़ ने पुलिस का विरोध किया। स्थानीय जैन समाज ने वारदात पर नाराजगी जताते हुए इसकी शिकायत कोतवाली में दर्ज कराई। अब पुलिस मौका स्थल देखने के अलावा समीपवर्ती CCTV फुटेज तलाश रही है।
सभी का घर लौटने का समय
खांदू कॉलोनी एरिया जैन बाहुल्य है। यहां के अधिकांश लोग पेशे से व्यापारी हैं, जो रात 8 बजे दुकानें बंद कर घर को आते हैं। अधिकांश लोगों के आने वाला रास्ता भी यही है। इसलिए वारदात होने से टल गई। ये वाक्या देर रात होता तो शायद इस इलाके में कोई बचाने वाला भी नहीं मिलता।

 

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